चंडीगढ़, 23 फरवरी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश किए गए 2023-24 को दिशाहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस बजट ने किसानों, युवाओं, व्यापारियों, गरीबों, महिलाओं समेत तमाम वर्गों को निराश किया है। सरकार सिर्फ हरियाणा प्रदेश को कर्ज में धकेलने का कार्य कर रही है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में किए गए वादे ही आज तक पूरे नहीं किए गए हैं। हरियाणा सरकार में शामिल लोगों ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि उनकी सरकार आने पर बुजुर्गों की पेंशन 51 सौ रुपये प्रतिमाह की जाएगी। सरकार को साढ़े तीन साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ बुजुर्गों की पेंशन 2750 रुपये की गई। यह प्रदेश के बुजुर्गों के साथ बड़ा विश्वासघात है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल यह बताएं कि यह पैसा आखिर कहां-कहां पर खर्च हुआ है। इस सरकार की नाकामी के कारण प्रदेश का कर्ज आज लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 1966 से लेकर वर्ष 2014 तक 48 वर्षों में प्रदेश पर जो कर्जा 70 हजार करोड़ था, वह वर्ष 2014 के बाद से इस सरकार में सवा तीन लाख करोड़ तक जा रहा है। इस सरकार में हरियाणा प्रदेश पर कर्ज तेजी से बढ़ता जा रहा है, जो इस सरकार की नाकामियों की पोल खोलता है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश का किसान हताश और निराश है। इस सरकार की नीतियों से यह किसान बर्बाद हो चुका है। किसानों की फसलों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। इस बजट से उम्मीद थी कि किसानों को कुछ राहत मिलेगी। मगर इस सरकार ने एक बार फिर अपनी किसान विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। प्रदेश में चौपट हो चुके उद्योगों और युवाओं के रोजगार लिए भी इस बजट में कुछ नहीं है। हमारे प्रदेश की बेरोजगारी दर पिछले लंबे समय से पूरे देश में सबसे अधिक है। हरियाणा प्रदेश का युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां हैं नहीं। सरकारी नौकरियां सरकार देना नहीं चाहती। इस बजट से उद्योग-धंधों के साथ हरियाणा प्रदेश के युवाओं को भी बड़ा झटका लगा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के लोगों को उम्मीद थी कि आज आसमान छू रही महंगाई से इस बजट में कुछ हद तक उन्हें राहत मिलेगी। सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर उन्हें कुछ राहत देगी, लेकिन इस बजट में महंगाई से राहत देने के लिए कुछ भी नहीं है। हरियाणा प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार चरमराती जा रही है। महिलाएं आज भय के साए में जीने को मजबूर हैं। बजट में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।